एक शायरा का हाल...
[डिस्क्लेमर: ये कहानी काल्पनिक घटनाओं पर आधारित है, और इसके सभी पात्र (character) काल्पनिक है ]
शायरा का हाल, शायरी और मोहब्बत करते -करते हो गया है बेहाल,
देती है जवाब शायरी के अंदाज़ में, जब भी पूछे कोई उसका हाल।
काफी सालों बाद, एक दिन शायरा, अपने दोस्त से बाज़ार में मिलती है।
और उनके बीच कुछ बात-चीत होती है, मगर क्या और कैसे ???
आईये जानते हैं....
दोस्त - और लड़की क्या हाल हैं ???
शायरा - "हर रोज़ एक नए ग़म का जाम पिए जा रहे हैं,
हर रोज़ एक नए ग़म का जाम पिए जा रहे हैं,
ज़िन्दगी जब तक है, तब तक तो जीना पड़ेगा,
दोस्त - अच्छा! वैसे देखा मैंने तुम्हारा INSTAGRAM आज-कल बड़ी शायराना हो रही हो तुम...?
शायरा - "अब हम अपनी तन्हाई कुछ यूँ ही मिटाया करते हैं,
ज़िन्दगी जब तक है, तब तक तो जीना पड़ेगा,
इसीलिए बिना किसी को तंग किए बस जिए जा रहे हैं।
दोस्त - अच्छा! वैसे देखा मैंने तुम्हारा INSTAGRAM आज-कल बड़ी शायराना हो रही हो तुम...?
शायरा - "अब हम अपनी तन्हाई कुछ यूँ ही मिटाया करते हैं,
अब हम अपनी तन्हाई कुछ यूँ ही मिटाया करते हैं,
तुम PUBG खेल कर वक़्त बिताते हो,
तुम PUBG खेल कर वक़्त बिताते हो,
और हम शायरी लिख कर बिताया करते हैं।"
दोस्त - कमाल है तू भी, वैसे उसके क्या हाल हैं?
शायरा - "ये तुम किस अजनबी का हाल हमसे पूछ रहे हो?
गर इतना खास है तुम्हारा तो उसी से जाकर पूछो,
भला हमसे क्यों पूछ रहे हो??"
दोस्त - अरे पागल! तेरे बन्दे के बारे में पूछ रहा हूँ।
दोस्त - "ना जाने क्या था उसके दिल में जो वो यूँ बेवफ़ा हो गया,
दोस्त - अरे पागल! तेरे बन्दे के बारे में पूछ रहा हूँ।
दोस्त - "ना जाने क्या था उसके दिल में जो वो यूँ बेवफ़ा हो गया,
ना जाने क्या था उसके दिल में जो वो यूँ बेवफ़ा हो गया,
मैंने तो बस फ़िक्र चलते पूछा था, की कल रात कहाँ थे तुम,
बस इतनी-सी बात पर वो मुझसे खफ़ा हो गया।"
दोस्त(चौंक जाता है) - क्या बात कर रही है तेरा ब्रेकअप हो गया ????
शायरा - "माना उसने जो किया, उसे इश्क़ की भाषा में बेवफ़ाई कहते हैं,
शायरा - "माना उसने जो किया, उसे इश्क़ की भाषा में बेवफ़ाई कहते हैं,
हमारे बीच जो दुरी है उसे मोहब्बत में जुदाई कहते हैं,
क्या अब ये भी उसे बताना पड़ेगा, उसके बिना रुकते नहीं आँसूं मेरे,
क्या अब ये भी उसे बताना पड़ेगा, उसके बिना रुकते नहीं आँसूं मेरे,
बस बारिश की बूँदों की तरह दिन-रात बहते हैं।"
दोस्त - हुआ क्या था आखिर बताएगी? ज़रूर तू JEALOUS हुई होगी।
शायरा - "चलो मान लिया की रोकने का प्यार में हक़ नहीं होता,
मगर दोस्त हर बार टोकने का मतलब शक़ नहीं होता।"
दोस्त - तू कितना शक़ करती है मैं जनता हूँ।
शायरा - "जिसमे जलन का एहसास ना हो वो इश्क़ नहीं होता,
इश्क़ में तब तक मज़ा नहीं आता जब तक उसमे रिस्क नहीं होता।"
दोस्त - अब बोलेगी तुझे करना क्या है? तू कहे तो मैं बात करूं तेरे लिए उससे?
शायरा - "मैं ये नहीं कहती की झुके मेरे सामने आकर, मगर कोई उससे भी तो पूछो,
भला ऐसे बीच राह में कोई छोड़ता है क्या, अपना बनाकर???
दोस्त - देख सीधे सीधे बता, तू चाहती क्या है??? वैसे मुझे आता है वो भी बहुत प्यार करता है तुझसे, और रोज़ तेरे ही बारे में बात करता है।
शायरा - "वो कहता है उसको मैं आज भी याद हूँ,
शायरा - "वो कहता है उसको मैं आज भी याद हूँ,
वो बेख़बर ये सोच रहा है की खुश हूँ, मैं उससे जुड़ा होकर,
काश! एक दफा वो आकर देखे, कि उसकी मोहब्बत में,
मैं आज भी किस कदर बर्बाद हूँ।"
दोस्त - यार जो करना है करो मैं नहीं पड़ता बीच में... मगर एक बात बता ???
"चलो! अब बहुत हो गयी दर्द की बातें,
हमराज़ और हमदर्द की बातें,
कुछ तुमने कही कुछ हमने सुनी
खत्म हुई ? या बाकि है अभी दर्द-ओ-मर्ज़ की बातें ??"
साला तेरे चक्कर में मैं शायर न बन जाऊ, चल बाय....
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Nice babuji
ReplyDeleteख़ूबसूरत ❤️
ReplyDeleteऐसे ही लिखते रहें ,