प्रेम वरदान है या अभिशाप?

[डिस्क्लेमर: ये कहानी  पूर्ण रूप से काल्पनिक है, इसका सत्य घटनाओं  से कोई वास्ता नहीं है ]

प्रेम क्या है ??? एक वरदान है या अभिशाप?

मेरे विचार से ये दोनों हो सकते हैं, मगर ये निर्भर सिर्फ़ इस बात पर करता है कि आप किस तरह से सोचते हैं। आइए समझते हैं इसे एक कहानी के माध्यम से :-

ये कहानी है दो प्रेमी जोड़ों की, सना और साहिल, और सिमी और समीर  की। ये चारों कॉलेज के दोस्त हैं, सना एक सुलझी हुई और शांत मगर बेबाक लड़की है, साहिल भी एक समझदार और सोच-समझकर फैसले लेने वाला लड़का है, वहीँ सिमी डरने वाली और सहमी हुई सी लड़की है, जो अपने परिवार के खिलाफ जाकर कभी कुछ नहीं कर सकती, और वहीं समीर उतना ही ज़्यादा गुस्से वाला और जिद्दी लड़का है।

ये दोनों प्रेमी जोड़े पिछले तीन सालों से साथ थे, मगर अब कॉलेज खत्म होने ही वाला था, तो इन सब ने फैसला किया कि अब घर वालों को अपने रिश्ते के बारे में बता देना चाहिए।
और बताया भी, मगर इनमें से किसी के घर वाले पहली बार में नहीं माने, लेकिन सना और साहिल ने बड़ी समझदारी और सहजता के साथ अपने घर वालों की रज़ामंदी का इंतजार किया। 

हाँ!!! थोड़ा वक़्त ज़रूर लगा मगर सिमी और समीर ने तो दूसरी दफ़ा कोशिश तक नहीं की, उल्टा समीर ने सिमी को अपने साथ घर छोड़ कर भागने के लिए कहा, लेकिन क्यूँकी सिमी डरती थी, और पाने परिवार की खिलाफ जाकर कुछ भी करने की हिम्मत उसमे नहीं थी,  इसीलिए उसने समीर को इंकार कर दिया। इस बात पर समीर को बहुत गुस्सा आया।

इधर सना और साहिल का रिश्ता आखिरकार तय हो गया था, और शादी की तैयारी भी शुरू हो आगयी थी। और जब सना और साहिल अपनी शादी का न्यौता देने समीर के घर गए और उससे मिले तो उन्होंने समीर को समझाया कि अब सिमी की शादी भी तय हो गई है वो भी किसी और से, तो अब वो उसे भूल जाए, इसी में दोनों की भलाई है, और ज़िंदगी में आगे बढ़े.... 

मगर समीर का दिमाग सिमी की शादी की बात सुनकर ही ख़राब हो गया था, वो मानो जैसे गुस्से से आग बबूला हो गया था, और उसे सही गलत कुछ समझ नहीं आरहा था उल्टा जब सना और साहिल उसे समझा रहे थे, तो अपने गुस्से में बेकाबू होकर उसने उनके साथ भी बदतमीजी कर दी, और कहा "तुम दोनों की शादी हो रही है ना इसीलिए मुझे ज्ञान देने चले आये, अगर नहीं हो रही होती तो तुम दोनों भी मेरी तरह पागल हो रहे होते, इसीलिए मुझे मत समझाओ, और अभी के अभी निकल जाओ मेरे घर से"।
उसके इस बर्ताव पर साहिल को गुस्सा तो आया, मगर सना ने उसे रोक लिया...और वो दोनों वहां से चले गए... 
इधर गुस्से में तिलमिलाए हुए समीर ने तय किया कि "सिमी मेरी नहीं तो अब किसी की नहीं होगी" और उसने एक बहुत ही घिनौना षडयंत्र रचा। और सिमी की शादी वाले दिन उस के चेहरे पर एसिड डाल दिया। और इस ज़ुर्म के कारण उसे भी जेल जाना पड़ा। लेकिन क्या ऐसे करने से अब सिमी, समीर की हो गयी???, नहीं बल्कि जितनी शिद्दत से सिमी समीर से प्यार करती थी, अब वहीं सिमी अपनी मोहब्बत से बेहद नफरत करने लगी थी...खुद को कोसती थी, की जिस इंसान से उसने इतना प्यार किया उसने अपने गुस्से के लिए, उसकी पूरी जिंदगी बर्बाद कर दी...हालाँकि जिंदगी तो समीर की भी बर्बाद हुई... 
उधर दूसरी तरफ़ सना और साहिल अपना घर बसा चुके थे। और एक नयी जिंदगी की शुरुवात भी कर ली थी....

हालांकि प्यार सना और साहिल जितना ही समीर और सिमी में भी था, मगर एक जोड़े के लिए वरदान साबित हुआ और दूसरे के लिए अभिशाप। या ये कहना सही होगा कि जिसकी मोहब्बत मुकम्मल हो जाए उसके लिए वरदान जैसे सना और साहिल, नहीं ऐसा नहीं है, अगर मोहब्बत का मुक़्क़म्मल होना ही सब कुछ होता तो, लैला-मजनू, हीर-राँझा, शिरीन-फरहाद, और रोमियो-जूलिएट की अधूरी मोहब्बत की मिसालें ना दी जाती... 
और हम क्यों भूल जाते हैं, की मिलान तो राधा और कृष्ण का भी नहीं हुआ था, मगर पूजा तो उन्ही दोनों की होती है.... इसका मतलब साफ़ है, की "प्रेम में हासिल करना ही सब कुछ नहीं होता, कभी कभी त्याग करने से भी प्रेम अमर होता है... और प्रेम में अगर देने की इच्छा हो तो ही वह वरदान का रूप ले सकता है, अन्यथा आपकी ज़िद या ज़बरदस्ती से केवल अभिशाप ही हाथ लगेगा।"

और जैसा कि आपने कहानी की शुरुआत में पढ़ा होगा कि प्रेम वरदान होगा या अभिशाप  ये आप पर निर्भर है, तो अब फैसला आप कीजिये... प्रेम क्या है ??? एक वरदान है या अभिशाप???

मुझे उम्मीद है आपको कहानी पसंद आयी होगी, कृपया अपना फीडबैक कमेंट बॉक्स में जरूर दें....    
धन्यवाद 

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Comments

  1. बेहद सरल एवं सशक्त अभिव्यक्ति शायरा

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  2. bahut nice.. khub nice..

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  3. Pyar 3 shabd nahi hen, pyar ek dusre ke liye dil se nikli hue aapke bhaw hen .. pyar Radha he, pyar Krishna he, jisne pyar ko samjha, wo Radhakrishan ho gaya, jo na samjha, wo .. wo pyar ko samajh hi nahi payega.. pyar nirmal jaj ki dhara he.. pyar ansu bhi hen aur khushi bhi..

    Keep writing 💐

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  4. बिल्कुल सही कहा जिसे प्यार मिल जाए वो वरदान और जिसे ना मिले उसके लिए अविशाप है

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  5. छोटी सी कहानी के साथ ... सही शब्दों के प्रयोग से सार्थक उदाहरण पेश किया है आपने . सराहनीय प्रयास .

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  6. Right, ye sirf mentality k uper depend karta hai

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  7. बहुत अ्छा लिखती हो इसे जारी रखे

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