कहानी - अधूरा ख़्वाब (भाग -1)
आज मैं एक कहानी लाई हूँ,
इसमे है कुछ नया, और कुछ पुराना,
कुछ हक़ीक़त है कुछ फ़साना...
कितनी हकीकत कितना फ़साना,
कहानी पढ़ने के बाद अंदाज़ा आप लगाना...
ये एक ख्वाब है जो कोई प्यार करने वाला नहीं चाहेगा की वो इसे ख्वाब में भी देखे...
ये भी प्यार मोहब्बत वाला ही एक ख्वाब है... जिसे सुप्रिया ने देखा...
जी हाँ इस कहानी, नहीं इस ख्वाब में दो किरदार हैं... एक का नाम आप जान चुके हैं, दूसरा किरदार है सचिन... सुप्रिया और सचिन दोनों, एक बहुत खूबसूरत प्रेमी जोड़ा थे,... थे इसीलिए क्यूँकी अब वो अलग हो गए हैं, वही घर वाले नहीं माने...
अभी सुप्रिया ने यकीन करना शुरू ही किया था कि वो चला गया है अब नहीं लौटेगा...
तभी अचानक एक दिन सुप्रिया को सचिन ने फोन किया, हर बार की तरह इस बार सुप्रिया ने एक ही बार मे फोन नहीं उठाया, 2 कॉल के बाद उठाया... और उठाकर बहुत ही रूखी आवाज मे कहा "हैलो, कौन?"
इसमे है कुछ नया, और कुछ पुराना,
कुछ हक़ीक़त है कुछ फ़साना...
कितनी हकीकत कितना फ़साना,
कहानी पढ़ने के बाद अंदाज़ा आप लगाना...
ये एक ख्वाब है जो कोई प्यार करने वाला नहीं चाहेगा की वो इसे ख्वाब में भी देखे...
ये भी प्यार मोहब्बत वाला ही एक ख्वाब है... जिसे सुप्रिया ने देखा...
जी हाँ इस कहानी, नहीं इस ख्वाब में दो किरदार हैं... एक का नाम आप जान चुके हैं, दूसरा किरदार है सचिन... सुप्रिया और सचिन दोनों, एक बहुत खूबसूरत प्रेमी जोड़ा थे,... थे इसीलिए क्यूँकी अब वो अलग हो गए हैं, वही घर वाले नहीं माने...
अभी सुप्रिया ने यकीन करना शुरू ही किया था कि वो चला गया है अब नहीं लौटेगा...
तभी अचानक एक दिन सुप्रिया को सचिन ने फोन किया, हर बार की तरह इस बार सुप्रिया ने एक ही बार मे फोन नहीं उठाया, 2 कॉल के बाद उठाया... और उठाकर बहुत ही रूखी आवाज मे कहा "हैलो, कौन?"
सामने से सचिन ने कहा "अरे, सुप्रिया मैं सचिन, मुझे नहीं पहचाना?"
सुप्रिया ने कहा "हा बोलो क्यूँ फोन किया?"...
सचिन ने कहा "मुझे तुमसे मिलना है, बहुत जरूरी है"
सुप्रिया ने कहा "मैंने सब कुछ तो लौटा दिया है, अब क्यूँ मिलना है? देखो मैने बहुत मुश्किल से खुदको सम्भाला है अब मुझे कोई ख्वाब नहीं देखना, इसलिए बेहतर होगा हम ना मिले"
सचिन ने कहा "देखो एक बार मिल लो बहुत ज़रूरी है, मैं विनती कर रहा हूं एक आखिरी बार मेरी बात मान लो, मैं उसी पुराने वाले पार्क में तुम्हारा इन्तेज़ार करूंगा, मुझे पता है तुम आओगी"
सुप्रिया ने कोई जवाब नहीं दिया...
सचिन प्लीज़ प्लीज़ करता रहा, उधर सुप्रिया ने फोन रख दिया...
तो दोस्तों क्या लगता है???? "क्या सुप्रिया सचिन से मिलने गई होगी? और सचिन ने अलग होने के बाद उसे क्यूँ बुलाया होगा? ऐसी क्या ज़रूरी बात थी जो वो फोन पर नहीं बता सका?"
ये पता चलेगा अगले भाग में।
अगले भाग के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें 👇🏻
very nice.. good job..
ReplyDeleteFabulous 😍
ReplyDeleteInterested story
ReplyDeleteExcited to read nexxt
Waiting for the next part
ReplyDeleteYes she will go...ye pyar he, koi sauda nhi
ReplyDeleteGud one. Will wait for 2nd part. Kya supriya sachin se milegi. Dekhenge HUM LOG...
ReplyDeleteBahut umdaa
ReplyDeleteVery nice story.. really mind-blowing
ReplyDeleteGod bless you dear aap hmesha hmare liye aise hi kuch na kuch likhti rho
बेहद खूबसूरत कहानी
ReplyDeleteबहुत ही अच्छी कहानी है। मझे इसके दूसरे भाग का इंतजार रहेगा।
ReplyDeleteWaiting for the next part
ReplyDeleteWaiting for the next part
ReplyDeleteReally nice 👍
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