मस्ती - मज़ाक (by Sanjita Ghosh Shayera)

मैं हुस्न परी, मैं जाने जहाँ, मैं सबसे हसीं, मैं सबसे जवाँ...
मैं बारिश की भीनी सी महक,
तू बारिश के बाद वाला कीचड़ चिपचिपा,
मालूम है मुझे, की मुझे देख कर कुछ कुछ होता है तेरे भी दिल में,
दुनिया के आगे तो ठीक है, मगर मेरे सामने ये सख्त लौंडे होने का ढोंग मत दिखा,
क्यूँकी मुझे भी है मालूम, और तुझे भी है पता,
मैं हुस्न परी, मैं जाने जहाँ, मैं सबसे हसीं, मैं सबसे जवाँ...

उड़ता तीर
कमाती हूँ अपना मैं कोई फ़कीर नहीं हूँ,
तेरे बाकी दोस्तों जैसी पैसों की पीर नहीं हूँ,
हाँ! ये सच है की मैं बस प्यार की भूखी हूँ,
मगर तू मज़ाक ना उड़ाया कर यूँ सरेआम मेरी मोहब्बत का,
हाँ! मैं लड़की हूँ मगर कोई उड़ता तीर नहीं हूँ...
 
तू हाँकता है अपने दोस्तों के आगे लंबी-लंबी,
इस बात से वाक़िफ़ हूँ मैं,
सबको यही कहता है तू, एक तेरी मोहब्बत सच्ची है,
जिसके नहीं काबिल हूँ मैं...
 
ख़ैर! अब जो तू कर चुका है फैसला मुझसे जुदा होने का,
तो जाते-जाते सुनता जा, तू बने मजनूँ या राँझा किसी और का,
मगर आज से मैं तेरी क्या किसी की हीर नहीं हूँ,
और ये बात याद रखना, की ना मेरे जैसी है, ना मिलेगी,
मैं "संजीता" हूँ कोई उड़ता तीर नहीं हूँ।


एक शेर दोस्ती के नाम 
तुम जितना चिढ़ोगे, हम उतना चिढ़ाएगें,
जितना दूर जाओगे हम उतना करीब आयेंगे,
तुम सोच रहे होगे की मरने के बाद हम तुम्हारा पीछा छोड़ देंगे,
तो तुम गलत फ़हमी में हो दोस्त, हम तो इतने ढीठ हैं, वहां भी तुम्हारे पीछे चले आयेंगे।
 

दिल्लगी VS दिल्लगी
दिल्लगी को दिल्लगी ही रहने दो तो अच्छा है (x2),
हुई मुलाकात एक पुराने दोस्त से ,
जो अव्वल था कभी दिल्लगी करने में,
आज वो मुझसे कहता है कि, बाकियों का पता नहीं,
मगर मेरे वाला प्यार तेरे लिए सच्चा है, 
दिल्लगी को दिल्लगी ही रहने दो तो अच्छा है।

मैंने भी पलट कर कहा उसको,
कि खा चुके हैं कई धोखे, 
तब जाकर हमने ये दिल्लगी का हुनर सीखा है,
और मालूम है हमें ल़डकियों को पटाने का ये तेरा पुराना तरीका है, 
और जिस स्कूल की मैं हेड मास्टरनी हूँ, 
उस स्कूल में पढ़ने वाला तू पहली कक्षा का बच्चा है, 
दिल्लगी को दिल्लगी ही रहने दो तो ही अच्छा है।

सनम को दफ़ा करो
दिल में दर्द है तो उसकी दवा करो,
जो रूठे दिलबर तो उसको मनाने की दुआ करो,
और जो रूठे सनम बार-बार तो अब की बार मनाओ मत,
भाड़ में जाये ऐसे सनम को दफ़ा करो...

दिवाली थोड़ी हो जो बार-बार मनाएंगे
तुम जाओगे हम फ़िर बुलाएंगे, तुम नहीं आए तो हम आ जायेंगे,
तुम रूठे तो मनाने आयेंगे, दुबारा रूठे तो फिर मनाएंगे,
मगर जो रूठे तुम बार-बार हमसे, 
तो रूठे रहो दिवाली थोड़ी हो जो बार-बार मनाएंगे।

टैटू बनवाया है
मेरे महबूब ने क्या अजीब स्वांग रचाया है,
धोखा देने में उसका मुकाबला कोई ना कर पाया है,
और जो कल तक कहता था कि मेरे दिल में बस एक तेरा नाम है,
आज उसी ने अपने सीने पर किसी और के नाम का टैटू बनवाया है...

ख्वाब दे दूँ
"सोच रही हूँ उनकी बातों का जवाब दे दूँ,
सोच रही हूँ उनकी बातों का जवाब दे दूँ,
सुना है बहुत चैन-ओ-सुकून से सोते हैं वो हर रात,
सोच रही हूँ आज उन्हें बेचैनी भरे ख्वाब दे दूँ।"

फ्लिर्टिंग नहीं रुकनी चाहिए 
"वो मेरे दोस्तों से जलता है, 
मैं उसकी सहेलियों से जलती हूँ,
वो तो चुप हो जाता है मेरे डर से,
और मैं जम कर फ्लिर्टिंग करती हूँ।"

टूटे 💔 आशिक के अल्फाज मेरे अंदाज में... 
"रात तो अपनी है मगर ख्याल उसका है,
नींद अपनी है मगर ख्वाब उसका है,
सवाल अपने है मगर हर सवाल पर जवाब उसका है,
नजरें अपनी है, मगर हर नज़ारा उसका है,
हमने तो सोचा कि वो मुहब्बत करती है सिर्फ हमसे,
मगर जब गौर फरमाया तो मालूम हुआ कि,
गली मे रहने वाला हर कुंवारा उसका है।"

 चाय पर कब बुलाओगे?
"यूँ मुस्कुरा के, गालों के डिम्पल दिखा के,
 ये क़ातिल शायरीयाँ सुना के,
 और कितना कहर बरसाओगे,
 अपने चाहने वालों को और कितना तरसाओगे,
 चलो ये बरसाने - तरसाने का सिलसिला तो जारी रहेगा,
 आप ये बताओ हमारे घर चाय पीने कब आओगे?
 और लग रही हो ज़हमत हमारे घर आने की तो इतना ही बता दो,
 हमे चाय पर अपने घर कब बुलाओगे?"

रस्सी जल गईं मगर बल नहीं गया 
"वो करता है हुस्न वालों की तारीफ़ तहे दिल से,
वो करता है हुस्न वालों की तारीफ़ तहे दिल से
कभी मौका मिला तो ज़रूर सुनाऊँगी,
ये उसके तारीफ़ के किस्से, वो भी उसकी बेगम से मिलके।"

क़यामत ही क़यामत
"वो कहते हैं हुस्न की तारीफ़ करना उसकी आदत है,
और हुस्न की तारीफ़ करके वो करते खुदा की इबादत है,
पलट कर कहा मैने उनसे ,
की तुम्हारे हुस्न - ओ - तारीफ़ के राज़ बता कर आयी हूं तुम्हारी बेगम को,
बेटा घर जाओ आज तो क़यामत ही क़यामत है..."

झूठी तारीफ़ 
"वो कहते हैं हुस्न की तारीफ़ करना,
उनकी आदत नहीं है, फ़र्ज़ है,
हमने भी पूछ लिया झूठी तारीफों से चुका रहें हो, 
भला ऐसा कौन-सा कर्ज़ है।"

नागिन vs अनाकोंडा
"वो कहता था की पहले वाली नागिन थी, 
उससे पूछा मैंने के आख़िर तुम कैसे ज़िंदा हो?,
लगता है तुम खुद अनाकोंडा हो..."

दगाबाज़ शायर 
"दुनिया वाले उन्हें शायर कहकर बुलाते हैं,
 और इन्तेहाँ तो देखो उनके झूठ की,
 बस अभी लिखी है कह कर,
 हर बार वो एक ही शायरी सुनाते हैं।"

 झूठे वादे 
"वो जो कहता था तुझसे मैं जुदाई सह ना पाउंगा,
तेरे बस दूर होते ही मैं मानो मर जाऊँगा,
वो कर बैठा है शादी और बच्चे भी है उसके चार,
जिसे समझा मैंने अपना आखिर वही निकला मक्कार..."

बवाल - ए - इश्क़ 
"ज़वाब के बिना कोई सवाल नहीं होता,
और इश्क़ में तब तक मज़ा नहीं आता, 
जब तक उसमे बवाल नहीं होता।"

एक सलाह उनको जो सिंगल है मगर मिंगल होना चाहते हैं 
"दुनिया में मिलेंगे कई झूठे,
लेकिन तुम तो सच्चे हो,
भीड़ में कुछ नहीं मिलता तन्हाई के सिवा,
मानलो मेरी बात, तुम अकेले ही अच्छे हो।"
मेरी कश्ती 
यकीन है मुझे खुद पर की मेरी कश्ती डूबेगी नहीं, 
फिर चाहे पानी कितना भी कम हो, 
आजाओ! करलो वादा-ए-मोहोब्बत,
ग़र वादा निभाने का तुम्हारे जिगरे में दम हो।"

चाँद-सितारे  2.5
"दिल चाहे किसी एक से लगा लो,
नज़रें बाकी हज़ारों से मिला लो,
यूँ तो चाँद एक ही है आसमां में, 
मगर जिस दिन चाँद हो छुट्टी पर,
उस दिन काम सितारों से चला लो।"  

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