दंगे-फसाद
क्यूँ करते हो दंगे-फसाद?, क्या हासिल होगा इन सबके बाद?, देश तो आज़ाद है कई सालों से, मगर हम कब होंगे अपनी स्वार्थी सोच से आज़ाद??? जब निकलती हूँ अपने घर से, तो माँ कहती है "मेरी बेटी को किसी की नज़र ना लगे", मगर मुझे इन्तज़ार है उस दिन का, जब किसी को सड़क पर निकलने में डर ना लगे... इतना क्रोध, ये आक्रोश, सही जगह पर दिखाओ ना, इतनी ही आग है ज़हन में, तो सरहद पर ज़ोर लगाओ ना... Corona जैसी मुसीबत का हल निकला है, तो ये मसला भी टल जाएगा, ग़र तुम ऐसे ही आग लगाते रहे, तो आँगन तुम्हारा भी ना बच पाएगा... FOR MORE YOU CAN CONNECT ME ***********************************************************************************